तभी एक और आदमी के साथ बैठे चाचा, विक्की को चिड़ाने लग गये तभी एक और आदमी के साथ बैठे चाचा, विक्की को चिड़ाने लग गये
हंसकर सबके सामने अकेले में रो लेती हूँ। मेरे मन की आवाज हंसकर सबके सामने अकेले में रो लेती हूँ। मेरे मन की आवाज
फिर धीरे से बोलीं,"वैसे ये गहने नकली हैँ" इस बात पर दोनों हँस पड़ी। फिर धीरे से बोलीं,"वैसे ये गहने नकली हैँ" इस बात पर दोनों हँस पड़ी।
शिव की बात सुन वहां हंसी का माहौल बन जाता है। शिव की बात सुन वहां हंसी का माहौल बन जाता है।
लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद: आ। चारुमति रामदास लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद: आ। चारुमति रामदास
अपने बचपन और जवानी की यादों को सभी को सहेजकर रखना चाहिए माध्यम चाहे जो हो। अपने बचपन और जवानी की यादों को सभी को सहेजकर रखना चाहिए माध्यम चाहे जो हो।